पाकिस्तानी वित्त मंत्री की चेतावनी, पेट्रोलियम सब्सिडी खत्म नहीं की तो दिवालिया हो जाएगा देश
पाकिस्तानी वित्त मंत्री की चेतावनी, पेट्रोलियम सब्सिडी खत्म नहीं की तो दिवालिया हो जाएगा देश
पाकिस्तान (Pakistan) के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) ने मंगलवार को अपनी ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार पेट्रोल-डीजल पर सब्सिडी को खत्म नहीं करती है तो आने वाले दिनों में पाकिस्तान विदेशी कर्ज चुकाने में चूक यानी डिफॉल्ट कर सकता है। इस्माइल ने कहा कि पाकिस्तान पहले से नकदी संकट से जूझ रहा है और आने वाले दिनों में अगर कड़े फैसले नहीं लिए गए तो उनके देश की स्थिति श्रीलंका के अर्थव्यवस्था जैसी हो सकती है।
इस्माइल ने दावा किया कि सरकार अभी भी पेट्रोल पर 19 रुपये और डीजल पर 53 रुपये की सब्सिडी दे रही है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की सरकार भी इसी तरह अपनी जनता को सब्सिडी देती और जिसके चलते अंत में वह डिफॉल्ट हो गई। सोमवार रात जियो न्यूज के कार्यक्रम कैपिटल टॉक के दौरान बोलते हुए, वित्त मंत्री इस्माइल ने कहा कि इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने भी पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी को समाप्त करने पर जोर दिया है।
पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने कहा कि अगर पेट्रोल और बिजली के दाम नहीं बढ़ाए गए तो देश डिफॉल्ट करेगा। उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से कहा है कि हमें कड़े फैसले लेने होंगे। लेकिन प्रधानमंत्री पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ाने के फैसले से नाखुश हैं।"
मिफ्ताह इस्माइल ने पाकिस्तान सरकार को आगाह करते हुए कहा कि आज श्रीलंका महंगा तेल खरीद रहा है और उनके पास अपने लोगों के लिए दवाएं खरीदने के भी पैसे नहीं है। अगर पाकिस्तान नहीं चेता तो इसी तरह की स्थिति यहां भी हो सकता है। बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने देश में आर्थिक स्थिरता लाने और IMF से अरबों डॉलर के पैकेज हासिल करने के लिए पिछले महीने पेट्रोल की कीमतों में 60 रुपये प्रति लीटर की भारी बढ़ोतरी की थी।
पाकिस्तान सरकार को उम्मीद थी कि पेट्रोल के दाम बढ़ाने में बजट में कुछ उपायों को करने के बाद उसके लिए IMF से पैकेज पाने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने पिछले हफ्ते बताया कि IMF "बजट को लेकर सरकार से अभी भी नाखुश है।" IMF खासतौर से इस मुद्दे पर नाराज है उसके पाकिस्तान सरकार को पर्सनल इनकम टैक्स को लेकर जो सुझाव दिए थे, उसे बजट में लागू नहीं किया गया है।